पिताजी के लिए शायरी। FATHERS DAY QUOTES - Freestocktips

Thursday, November 25, 2021

पिताजी के लिए शायरी। FATHERS DAY QUOTES

पिताजी के लिए शायरी : दोस्तों आज हम ऐसे शख्स के बारे  शायरी   देखने वाले है ,जो हम सबके  जीवन का महत्वपूर्ण रिश्ता है जिसका जिसका नाम  है पिता। 

   आपको पता है की  पिता की वजह से हम है,वैसे तो पिता के लिए शब्द ही नहीं है, लेकिन चलो कुछ शायरिया देखते है उनके लिए।  

  ये जो मुस्कान लिए बैठे है,

       पिताजी की पहचान लिए बैठे है


    मौरग,सिमेंट,रेत मैं फसे सरिया के फंदे है

 मेरा घर कोई इमारत नही पिराजी के कंधे है।


पिताजी पर लिख पाऊं, ऐसे अल्फाज कहा से लाऊं

मेरी जेब तो आज भी,उनके दिये सिक्कों से भरती है।


ये पिता के कॉलर और जूते के तलवों का जो टूटना है

बच्चो के भविष्य को कड़क चाय के लिए अदरक कूटना है।


बड़ी तकलीफ और घुटन होती है मुझे,

जब मेरे पिता तकलीफ मैं होते है।

कभी- कभी तो लगता है की जी भर कर रो लु,

फिर सोचता हु की कई हिम्मत देने वाला भी तो चाहिए।


पिताजी से जुबान लड़ा लेता था कभी

अब जिन्दगी मुँह तक खोलने नहीं देती।


सुना है बाप जिंदा हो तो कांटा भी नही चुभता।

मुझे तो उनका साया भी नसीब नही हुआ

तो ठोकर और घाव के सिवा और क्या मिलता।


आपके ही नाम से जाना जाता हूं पापा 

भला इस से बड़ी 

शोहरत मेरे लिए क्या होगी।


तुम मुझे जब छोड़ो तो जरा धीमे से छोड़ ना

उछाल के पकड़ने के लिए पिताजी नही है।


घर ही नहीं .... जब पिताजी पास नही होते

 मैं खुद को भी नही संभाल पाता।

                       

         समय की मार ने जब हमे बे घर कर दिया 

पिता ने अपने साये को ही घर कर दिया ।


सदा लिबास रहता है उनका, वो त्याग की तस्वीर है,

पिता की शख्सियत इस जहा मैं वाकई बे- नजीर है।

जीते जी उस पल में जन्नत को छू आया था 

पिताजी ने जब भी मुझे कंधे पे उठाया था ।


बेटी के बिदाई मैं 

आंखो मैं आसुओं का समंदर थामकर रखनेवाला 

केवल 'बाप' ही होता है।


एक पाठ जो पिता से बचपन से पढ़ा है

जमीन पे नम्र बैठना बड़प्पन ये बड़ा है।


कहने को तो हिस्से मैं बहुत सी कामयाबी आई है

हासिल तब हुई जब पिताजी ने पीठ थपथपाई है।


गुस्से में भी प्यार होता है ,

वो हमारे पिता, जो जिंदगी का आधार 

होता है।


पापाजी 

बेटा आपका भी कामयाब होगा 

सब्र रखिए एक दिन सबका हिसाब होगा।


पिता वह एहसास है ,

जिसके होने से 

बेफिक्री की सुगंध 

आने लगती है।


कल माँ का जमनदीन था 

हाँ, मिठाई ले थे पिताजी 

अपनी पसंद की।


मर्द को ही ताउम्र जेवर पहनते देखा है,

पिताजी के शरीर पे मेहनत का पसीना 

चमकते देखा है।


पिता संग वो अपने दोस्तों सी

बाते करता है..

पिता उसे या वो पिता को खुशनसीब करता है।


वो आपने हिस्से की छांव देकर 

हमारे हिस्से की दौड़-धूप ले जाते है

सपनो को पंख देने हमारे, पिताजी अपने सारे अरमान 

तोड़ जाते है।

मेरी पहचान आपसे पापा...किया कहु आप मेरे लिए किया हो...कहने को तो है पैरों के निचे ऑय जमीं...पर मेरा आस्मां आप हो

जिस कदम पर मैं डगमगाया,

हाथ पकड़ कर कंधे पर उठा लिया,

पूरे जहां की खुशियां दे दी मुझे,

वो प्यारे पापा है मेरे।

मैं जब भी गिरने लगता हूँ
 अपने पिता का हाँथ थामने से पहले वो खुद ही
 मेरा हाँथ थाम लेते हैं।

पिता नारियल की तरह होते हैं। भले ही ऊपर से वो कड़क दिखाई दें पर अंदर से हमारे लिए उनमे असीम प्रेम होता है।
पापा के लिए है क्या कहना, वो तो है #परिवार का गहना। 
Happy Birthday Papa

दुनिया के दो सबसे असंभव काम माँ की ममता और पिता की क्षमता का अंदाजा लगा पाना।

जब मैं छोटा था तब मैं वह करता था जो मेरे पिताजी चाहते थे और अब मैं वह करता हूँ जो मेरा बेटा चाहता है।

इस दुनिया में सबसे बड़ा योध्दा पिता होता हैं।

वो जो अपने पिता से बदला ले, कुछ भी कर सकता है।

पिता बनना पिता होने से कहीं आसान है।

भगवान का दिया हुआ सबसे कीमती तोहफा…
कुछ और नहीं बस मेरे पापा, आप हो।

दिन रात, खून पसीना बहाके,
मेरे ख्वाबों को पूरा करने वाले,
मेरी तकदीर बनाने वाले,
खुदा से भी बढ़कर मेरे पिता है।

मेहनत से कमाए हुए पैसे मेरी खुशियों के लिए,
युही बहा देने वाले, कोई और नहीं पिताजी है मेरे।

हीरो तो कोई भी बन सकता है,
लेकिन अपनी खुशियों का दान करके,
पिता जैसा भगवान कोई नहीं बन सकता।

खूब कमा कर देख लिया मैंने,
लेकिन ख्वाइशें तो आज भी,
पापा की सैलरी से ही पूरी होती है।

जिस कदम पर मैं डगमगाया,
हाथ पकड़ कर कंधे पर उठा लिया,
पूरे जहां की खुशियां दे दी मुझे,
वो प्यारे पापा है मेरे।

तन्हाई में जब बीते लम्हो की याद आती हैं,
क्या कहे जिस्म से जान चली जाती हैं,
यूँ तो पापा बहुत दूर चले गए हम से
पर आँखे बंद करे तो सूरत उनकी नजर आती हैं

माता-पिता की जितनी जरूरत हमें बचपन में होती है, 
उतनी ही जरूरत उन्हें बुढ़ापे में हमारी होती हैं।”

नसीब वाले हैं जिनके सर पर पिता का हाथ होता है,
जिद पूरी हो जाती हैं सब गर पिता का साथ होता है। 

अज़ीज़ भी वह है… नसीब भी वह है…
दुनिया की भीड़ में करीब भी वह है….
उनकी दुआओ से चलती है ज़िन्दगी क्योंकि…
खुदा भी वह है और तक़दीर भी वह है







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